कभी दस्यु सुंदरी के रूप में आतंक का पर्याय रही सीमा परिहार समेत चार लोगों को कोर्ट ने अपहरण के एक मुकदमे में दोषी पाया है। सजा पर निर्णय बुधवार 21 फरवरी को होगा। इस बीच कोर्ट ने पुलिस से जानकारी मांगी है कि दस्यु जीवन छोड़कर आत्मसमर्पण करने के बाद इन लोगों ने कोई अपराध किया है या नहीं। 20 मार्च 1994 की रात 12:30 बजे की यह घटना कोतवाली औरैया में पंजीकृत हुई थी।। इसमें ग्राम गढ़िया बक्सीराम निवासी श्रीकृष्ण त्रिपाठी ने रिपोर्ट लिखाई थी कि उसका 25 वर्षीय भाई प्रमोद कुमार त्रिपाठी खेतों में पानी लगा रहा था। तभी रात में 10 से 15 सशस्त्र बदमाश ट्यूबवेल पर आए और दरवाजा खुलवाकर प्रमोद कुमार त्रिपाठी को पकड़ कर अजनपुर ले गए। बाद में गिरोह की पहचान दस्यु लालाराम-सीमा परिहार के रूप में हुई। लालाराम की मौत हो चुकी है। मौजूद सीमा परिहार, रामकिशन, छोटे सिंह व अनुरूद्ध के खिलाफ मुकदमा चला। एडीजे सुनील कुमार सिंह ने चारों अभियुक्तों को अपराध में दोषी पाया। उन्हें जिला कारागार इटावा भेज दिया गया।