वैसे तो दुनिया के कोने-कोने में हिन्दू समाज के लोग बसंत-पंचमी का त्यौहार मनाते है, लेकिन बृजभूमि में इस त्यौहार का अपना अलग ही महत्त्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बृज में आज ही के दिन से 45 दिन के होली के पर्व की शुरूआत हो जाती है और इस दिन यहाँ के सभी प्रमुख मंदिरों में जमकर गुलाल उड़ाया जाता है। वृन्दावन के विश्व प्रसिद्ध बाँकेबिहारी मंदिर में भी बसंत-पंचमी की इस होली का नजारा बेहद मनभावन होता है। होली शुरू होने में भले ही अभी वक़्त हो, लेकिन बृज में अभी से ही होली की शुरूआत हो चुकी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बृज में बसंत ऋतू के आगमन के साथ ही बसंत-पंचमी के दिन से होली की शुरूआत हो जाती है। परंपरा के अनुसार आज के दिन मंदिर में श्रृंगार आरती के बाद सबसे पहले मंदिर के सेवायत पुजारी भगवान बाँके बिहारी को गुलाल का टीका लगाकर होली के इस पर्व की विधिवत शुरूआत करते है |