विवरण…26 सितंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने धर्मांतरण को राष्ट्रीय मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत बताते हुए कहा कि समाज के कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए मीठे-मीठे दर्शन का प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, सनातन कभी जहर नहीं फैलाता। एक और संकेत मिला है और वह बहुत खतरनाक संकेत है, यह देश की राजनीति को भी बदलने वाला है। यह नीतिगत तरीके से, संस्थागत तरीके से, योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है और वह है धर्मांतरण। मीठा-मीठा दर्शन बेचा जा रहा है। वे कहां जाते हैं? वे समाज के कमजोर वर्गों के पास जाते हैं। यह मुद्दा हमारे आदिवासी लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। वे उन्हें लुभाते हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम बहुत दर्दनाक तरीके से नीतिगत रूप से संरचित तरीके से धर्मांतरण देख रहे हैं और यह हमारे मूल्यों और संवैधानिक परिसर के विपरीत है। ऐसी भयावह ताकतों को बेअसर करने के लिए तेजी से काम करने की तत्काल आवश्यकता है। हमें सतर्क रहना होगा। आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि आज भारत को विभाजित करने के लिए कितने लोग सक्रि …more